यह समसा है। समोसे का पप्पा। पापाजी, फादर।
अशोक पांडे सर के एक लेख में पढ़ा था कि समसा सबसे पहले एक बेकर ने ईजाद किया। तंदूर में बचा हुआ कीमा और मैदा कुछ इस तरह से सेक दिया। तो तंदूर में सिके इस डिश को नाम दिया गया समसा।
समसा मतलब होता था पिरामिड, लोकल लेंग्वेज में। ममी वाले पिरामिड। गलती से बना यह समसा वहां से गुजरने वाले यात्रियों को काफी पसंद आया। और वह इसे घुमाते फिराते ले आये इंडिया में।
जहां इस पर काफी प्रयोग हुए, इसमें गोभी, प्याज, सब्जियां सब घुसाई गई। आखिर में आलू पर संतोष प्राप्ति हुई कि आलू सबसे बेहतर है। तंदूर से इसे निकालकर तेल में फ्राय किया गया। और उधर का समसा इधर बन गया समोसा।