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पत्र- प्रभु के नाम

मई 26, 2017 Girish Lohni

मामला जमीन में हवाई जहाज का मजा देने वाली तेजस एक्सप्रेस का है. यात्रा के बाद एक ईमानदार-देशभक्त-कर्मठ तेजस्वी तेजस यात्री द्वारा रेल-मंत्री सुरेश प्रभु के नाम पर लिखा गया एक धन्यवाद-पत्र.

प्यारे प्रभु,

स्वच्छता का झण्डा लिये किसी के ना देखने पर किसी भी दीवार पर मुतने वाले अपने इस देशवासी पर भरोसा करने के लिये धन्यवाद. प्रभु तुम बड़े भोले हो. भ्रष्टाचार के नाम पर मैं वोट दे सकता हूँ, अन्ना के जल्से में हू-हा कर सकता हूँ, भ्रष्टाचार रोकने के लिये एटीएम की लम्बी कतारों में भी लग सकता हूँ. किसी के देख ना लेने के डर से मैंने तुम्हारे कम्बल तकियों पर हाथ साफ करना क्या छोड़ा तुमने मुझे हल्के में ले लिया. होटल से दस एमएल की शैम्पू की शीशी चुरा लेने वाले पर इतना भरोसा प्रभु. मेरी हरकतों की वजह से तो मैक-डी वाले ने मुफ्त में कैचअप देना बंद कर दिया. लेकिन मॉ कसम भ्रष्टाचार की लड़ाई में कंधे से कंधा मिला कर चलूँगा मैं.

प्रभु आपने मुझे हैडफोन दे दिया. प्रभु इतना भरोसा. जिस दिन से भारतीय रेलवे प्रभु भरोसे हुयी थी मैं समझ गया था कृपा आनी शुरु हो गयी है. मैं धन्य हो गया प्रभु. इतना भरोसा पिताजी ने किया होता मैं आज न्यूयार्क या लंदन में सिफ्ट हो चुका होता. प्रभु धन्यवाद के साथ माफी. प्रभु हैडफोन चुपके से बैग में अटकने वाली चीज है तो वापस नहीं कर पाउंगा. एलईडी की स्क्रीन पर स्क्रैच के लिये भी माफी. प्रभु छोटी, सेक्सी और अकेली दिखी तो मुझे लगा हिन्ट दे रही है. एक बार ट्राई तो बनता है ना प्रभु. लेकिन मॉ कसम भ्रष्टाचार की लड़ाई में कंधे से कंधा मिला कर चलूँगा मैं.

प्रभु मैं अपने देश से बेइंतहा प्यार करता हूँ. यकीन ना हो तो कभी भी फेसबुक या ट्विटर पर बकैती करा लो. ट्रोल का जे घोड़ा भजाउंगा कि एकबारगी राणा प्रताप का चेतक शर्मा जाये. पर प्रभु हैडफोन वापस ना हो पायेगा. बार्डर पर जान मांग लो लेकिन हैडफोन ना मांग लेना. प्रभु 120 करोड़ की आबादी में मेरे एक हैडफोन चुराने से क्या फर्क पड़ जायेगा. तो मामला यही रफा-दफा करो. ज्यादा हो तो सौ एक से जेब भी गरम कर लो. लेकिन मॉ कसम भ्रष्टाचार की लड़ाई में कंधे से कंधा मिला कर चलूँगा मैं.

प्रभु सुझाव पेटी में सुझाव डाल आया हूँ कि या तो हैडफ़ोन पर ताला ठोक मारो या फिर एक आदमी को चैकिंग के लिए रख दो. क्या हैं ना हमें समाज में बेइज्जती से जितना डर है उतना फांसी से नहीं. दूसरा सुझाव बेरोजगारी को देख दिया है. रेलवे में बडे फुफ्फा का छोटा जमाई है, भर्ती निकली तो जुगाड़ लगा लूंगा. बांकि प्रभु जापान और अमेरिका जैसी ट्रेनों की शिकायत हमेशा करता रहूँगा. लेकिन मॉ कसम भ्रष्टाचार की लड़ाई में कंधे से कंधा मिला कर चलूँगा मैं.

आपका अपना

तेजस्वी तेजस का यात्री.

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