हे हमार प्रभु श्री राम रउआ कहाँ
चल गइनी हमारा के छोड़ के ?
हम जवन आपन पूरा जीवन रउआ चरण में समर्पित कर देनी
राउर सबसे प्रिय आउर परम भक्त पर जेकरा के संकटमोचन नाम देहनी ओकरे पर आज बहुत बड़ संकट आ गईल बा हमार प्रभु काहे हमरा के छोड़ के गईनी ए पाप के नगरी, मोह माया के दुनिया में काहे नाथ काहे ?
माता सीता के दिहल अजड़-अमर के वरदान आज हमरा पर अभिशाप जईसन बन गईल बा. हमरा जाति धर्म पर लाखों सवाल उठावल जाता हमार हृदयवासी स्वामी केहु हमरा के दलित कहता त केहु ब्रह्मण के केहु जाट , त केहु खिलाडी. त एतने ना प्रभु हम त तब स्तब्ध हो गईनी जब एगो मानव हमरा के मुस्लमान कह देहलस बात एहिजा खत्म नईखे होत हमरा के चायनीज भी कह दिहल गईल बा. हमरा से अब इ सब सहन नईखे होत. श्री राम हमरा एह केस (एफ.आई.आर) पर विचार करी एकर समाधान करी त्रिलोक के स्वामी ना त हम एहीजा आज आप के चरण में अपन प्राण त्याग के संसार से मुक्त हो जायेम |
रउआ बता दी ….
हम राम भक्त हनुमान हईं
न हिन्दू न मुसलमान हईं
हमार न कवनो जात बा
सुन ली सभे इहे बात बा
सब कर संकट हम हरेनी
दिन रात राम सेवा करेनी
जज़ रूपी राम तथास्तु ! कल्याण भव: आशीष पाके हनुमान जी के अस्तित्व और पहचान से इ सब प्रश्न खत्म हो जायेके चाहीं.
(राइटर-राजीव भारती )