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अम्बानी के डाटा से घरों में छिड़ेगा गृह युद्ध

अक्टूबर 15, 2016 ओये बांगड़ू

अम्बानी के फ्री जियो डाटा से पहले फ्री वाले डाटा के दौरान घरों के क्या हाल रहते थे और अब क्या हाल रहंगे इस पर एक गंभीर रिपोर्ट पेश कर रहे हैं विनोद पन्त . गौर कीजियेगा विनोद भाई हिन्दी पहाड़ी में लिखते हैं और सबसे ज्यादा सीरियस तब होते हैं जब छींक आती है ..आं..छी …

 

अरे अंबानी सैप फ्री का डाटा की जगह तीन महिने का आटा दे देते तो रंगत आ जाती . भले ही आटा मडुवे का ही होता . हिन्दुस्तान ठैरा हो ये . यहां फोकट की चीज पाने के लिए बड़े बड़े ठुल सैप भी लाइन लगाकर खड़े हो जाने वाले हुए . एक बात तो है सैप हमारे यहां ये डाटा ने सबको बिगाड दिया है . नानतिन(छोटे बच्चे ) से लेकर ठुलतिन (बड़े ) तक सभी इन्टरनैट के पीछे पगली जैसे गये हैं . चलते चलते बच्चा पड़ौस के घर पहुंच गया . मस्तारी(मम्मी) को पता ही नहीं . पड़ोसन ने बच्चे के साथ सैल्फी खीची पोस्ट की तब मस्तारी को होश आया – ओईजा(मम्मी, एक संबोधन)  .. भौ पालभितर(बच्चा पड़ोस में ) पहुच गया . फिर भी अपनी गलती न मानकर दुल्हौ (पति) रनकार को मैक्याने लगी – झिट घड़ी माकोट की आमा से (थोड़ी देर मायके की आमा से ) चैटिग कर रही थी . तुम भौ(बच्चे ) को भी नहीं पकड़ सकते .. दुल्हौ बेचारा फटाफट आँफलाइन होकर पड़ोस में भौ को लेकर दौड़ लगाने वाला ही था कि फिर नड़क(डांट)  खा बैठा – न्यैर चाहिये तुम्हें तो उस कऊली ढ्वाल के यहां जाने के लिए .  मैं अपने आप ले आऊंगी . पति के मूख से निकल पड़ा – यार कऊली कहां है ?(काली कहाँ है ) जरा सा सावल बरण ठैरा (सांवली है ). बाकी देखीण चाण तो असल ठैरी (देखने की तो अच्छी है )..

बस भितर पन भिचाल जैसा आ गया हो . दुल्हौ बेचारा तीन दिन से फेसबुक पर ही – लो दोस्तो नाश्ता कर लो . इटिंग गडेरी साग (पहाडी सब्जी )टाइप के पोस्ट पढकर गुजारा कर रहा है . .

जब पैसे लगाकर खरीदे हुए डाटा से ये हाल है तो अंबानी छाप फोकट डाटा से हालत कितने खतरनाक हो जाऐंगे . हर घर में गृहयुद्ध के लिए अंबानी जिम्मेदार होगा . बता रहा हूं .  हां तो मैं डाटा के बदले आटा की बात कर रहा था . इसमें भी गजबजाट ही होगा . मेरे ये लेख लिखने से पहले ही बड़े वाले ठुल सेठ हाथ में कटोरा लेकर अंबानी के आंगण में लैन लगाकर खड़े मिलेंगे .

अंबानी आटा तो देगा बल .. लेकिन कंडीशन अप्लाई ठैरी बल .. ये भी हो सकता है कि आटा एक किलो  फ्री .. और आटा जिस मोमजामे के थैले में मिलेगा वो तीस रुपये का . फोड़ लेना बरमान अपना जब समझ में आएगा .

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