अनोखा ये प्यार है -भाग -5

कुछ सदियों पहले वो मेरठ की छावनी में अंग्रेजों के साथ चाय पीती दिखी थी , मैं तब वहां झाडू लगाता था. कमाल की खूबसूरत थी . मुझे देखकर बोली “हेलो मै भी हिन्दुस्तानी हूँ ” बस उसका इतना भर कहना था कि मेरा जन्म जन्मान्तर से अकेला मन पागल हो गया उसके प्यार में … Continue reading अनोखा ये प्यार है -भाग -5