राइटर –राजीव कुमार भारती मीडिया स्टूडेंट
वैसे, डीजे लाऊडस्पीकर की साउण्ड जो माँ के पंडाल के चारों कोने पर लगा था, हर तरफ भक्तिमय माहौल रहा. माता रानी हर जगह हर घर पधारी, पर एगो बात मन में है
डीजे कान फाड़ु ध्वनि सुन कर उनके कान का भी पर्दा फट सकता है की नई ? पर अब ये बात उनके भक्तों को कहाँ समझ आ रही है . ऊ तो लगे हुए है ‘स्वैग से करेंगे मैया का सुवागत’ फिलाने जी का बेटा हूँ पूजा पहिले करता हूँ ……फलाना ढिमकाना बजा-बजा कर तांडव नृत्य करने में मग्न है ,और ई सोच रहे है की मईया उन्हें गीता माँ और माधुरी दीक्षित की तरह देख कर जज कर रही हैं जिनका नाच बहुते हाई किलास का है ऊ डॉन्स इंडिया डॉन्स के नेक्सट सीजन में एगो सीट पक्का जोगड़िया लिया है.
इस बीच फैन्सी डिरेस का कॉम्पिटीसन भी खूब रखा गिया. जिसमें लौंडे सतरंगी कपड़े पहिर कर गदर काट रहे थे. जिसमें विभिन्न प्रकार के रैम्प वॉक पंडाल के ईर्द-गिर्द हुए. जिस तरफ लेडिज लोग अधिक संख्या में है उधर अधिक धियान लगाये हुए आफत मची रही , जईसे कि कऊनो बुटीफुल सी हॉट लईकी देखतें है कॉम्पीटिसन मंच जाए भाड़ में उसके पिछे कैट वाक करने लगते है.बहुते अफसोस जब ऊ लईकी का एक तगड़ा मुस्टण्डा साथी मेले में आईसक्रीम के ठेले पर सबसे महंगी चॉकलेट फिलेबर वाला कोन लिए खड़ा रहिता है. ऊ बेबी जाकर अपने बाबु को जोरदार टाईट वाला हग करती है .तब रैम्प वॉक वाले भईया का सपना छन्न से टूट कर बुकुनी-बुकुनी हो जाता हैं तब मन को मारते हुए मन में ही बोलते है ‘सब मोह माया है’ आऊर फैंन्सी डिरेस कॉम्पीशन से भी एलिमीनेट होई जाते है .
फईसन आऊर मॉडलिंग का बात हो तो लईकी सब तो युग-युगांतर से इस क्षेत्र में शीर्ष पर स्थान बनी हुई हैं.
इस पूजा के दौरान तो ऊ सब का हर 9 दिन का हिसाब से कपड़ा अलग-अलग रहिता है .माने यही लोग डिरेस बदल-बदल कर नव दिन नव रूप में दिखत है. मेकअप से लेकर लिपिस्टिक पर त तनि सा ज्यादे ही धियान देती है काजल तनि सा कम चलेगा पर लिप लाईनर का शेप सही होना चैय्ये फऊग सेंट का गमक से जिस रस्ता से ऊ लोग गुजरे कम से कम 2-4 मिनट तक महकना चाहिए, कटा फटा जीन्स का टाईम है, टाँग लऊकता शार्टस् का जमाना है यही सब पहिने माता की दरबार में हाज़िरी लगाती है. मैया भी कनफुजिया जाती है की ई कवन सा फईसन है. भाई खै़र इसके लिए वो जज़ नही करती होंगी काहे कि सबकी पसंद है सब का अपना अधिकार है, बाकी कुछे मन लगा कर बियाह आऊर सफलता का गुहार लगाती नज़र आती है .
10-20 रूपया का बताशा चिऊरा चढ़ा कर लाख करोंड़ का मन्नत मांगा जात है, अब ई खुदही हीं विचार कीजिए तनि सा का ई सही बात है ठेर खिसियाता है लोग तो अग्रवाल स्वीट्स का डालडा मिक्स शुद्ध घीव का लड्डू चढ़ाता है क्या इतने में एतना डिमांड उचित है. बाकी सबसे तो ऊ भक्त लोग ईस्पेशल रहिता है जो मन्नत पूरा कर दो तो अगली बार 2 की जगह 4 ठो डीजे लगवाई देंगे 51 ठो लाऊडस्पीकर भी माने मईया से भी एक डील होता है. बाकी अब जब 9 दिन पूरा हो जात है तब त फुल ऑन बकैती का लाईसेंस माता जईसे खुदे भक्तों को देती है तब्बे तो मदीरा पीकर नंगई वाला डॉन्स फुहड़ आऊर अश्लील गाना बजा-बजा कर डीजे पर एक साल का सारा कसर पूरा कर लिया जाता हैं बाकी जवन नदी को नाला कह-कह हमेशा चिल्लाया जाता उसे में विसर्जन कर दिया जाता है . कमाल का बात तो ई है कि उस समय कवनो दल विरोध भी नही करता है, तनि सा भी मने ईहे नही समझ आवत है .
जय माता दी !