ऊपर तस्वीर में जिस तरह बच्चे को ड्राप बूँद बूँद करके पिला रहे हैं, वैसे ही हेमू खर्कवालकी तस्वीरें हम ड्राप ड्राप करके एकत्र कर रहे हैं. जल्द ही पहाड़ की शानदार तस्वीरें आपको इस सेगमेंट में दिखाई देंगी. अभी बस ट्रेलर लांच कर रहे हैं .
पहाड़ में शादियों में छलिया का अपना एक अलग महत्व है, यहाँ वाद्य यंत्र के साथ साथ एक योध्हा का रूप धरे छलिया भी शामिल होते हैं, जो एसे नाचते हैं जैसे अभी युद्ध जीत कर आये हों.पहाड़ों में सामन्य रूप से रिंग सेरेमनी , सगाई ये सब कुछ नहीं होता शादियों में . आजकल इसका प्रचलन शुरू हुआ है. जानकारी नहीं दे रहा बस फोटो के बारे में बता रहा हूँ. एसे ही नए प्रचलन के बीच में सिर्फ दो हाथ थामे एक फोटोवैसे विसर्जन पहाड़ की नदियों में संभव भी नहीं है और लोग उतना करते भी हैं, जैसे गणेश विसर्जन या दुर्गा विसर्जन जैसी चीजें यहाँ नहीं होती, लेकिन खंडित प्रतिमाओं का विसर्जन यहाँ जरूर होता है. पहले मूर्ती को पूज लिया जब वह खराब हो गयी तो नदी में बहा दियासभी फोटो हेमू खर्कवाल के कैमरे से