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तुम्हारा नाश हो अफवाह गैंग वालों

अक्टूबर 28, 2016 कमल पंत

अलग अलग उम्र में किस तरह अलग अलग अफवाहों ने एक बच्चे का सत्यानाश किया देखो

एक होती है अफवाह गैंग इसके कर्मी कहे जाते हैं अफवाह कर्मी . ये मेरे बचपन से अफवाह उड़ाते आ रहे हैं और मेरे शौक पर हथोडा चलाते आ रहे हैं.

जब बच्चा था छोटा वाला तो दूध पर कोइ अफवाह नहीं उडाई .फिर जब छोटे थे तो चिंगम और बबलगम से भारी लगाव था . हालांकि पता नहीं था कि दोनों में अंतर क्या होता है फिर भी सेंटा फिरेश को चिंगम कह दिया और बिग बबूल और बूमर को बबलगम. यहाँ तक तो जानकारी थी बस अब सुनो असली टंटा.

पता नहीं किस कमबख्त के मारे ने एक पर्चा बंटवा दिया जिसमे लिखा था कि इनमे होती है गाय भैंस की चर्बी . आहा कसम से पूरे एक महीने तक घरवालों ने उस पर्चे को पढ़ा पढ़ाकर उसका एक एक शब्द याद करवा दिया. रोज स्कूल को जाते समय कसम दिलवाई जाती थी कि “हे बामन सूत कसम खा बबलगम की तरफ देखेगा भी नहीं और चिंगम दिख गया तो आँख बंद कर लेगा ” .

हमने भी चोरी से एक दो बार खा लिया आखिर बालमन को कब तक रोक पाते . मगर सच्ची बताएं खाने से नहीं पकडे गए . किसी कमबख्त की चिंगम जूते में चिपक गयी उसके बाद सुबह सुबह मिलने वाला एक रूपया भी बंद हो गया. कसम से बच्चों के विजय माल्या बनकर घुमते थे. जेब में एक फूटी कौड़ी नहीं और दुकानदार ने पहले ही “दुकान करप्ट” घोषित किया हुआ .

पूरे दो महीने बाद किसी भले मानुष ने बताया कि गाय भैंस के चर्बी नहीं होती और बदले में सबूत के तौर पर किसी अंगरेजी अखबार की कटिंग दिखाई. तब जाकर घर वालों ने माना कि चिंगम बबलगम में चर्बी नहीं होती .

एसे ही किसी नमूने ने कालेज डेज में ये अफवाह उड़ा दी कि कोका कोला और पेप्सी होते हैं टायलेट क्लीनर . बायगोड जितनी बार मुंह से लगाया उतनी बार हार्पिक की स्मेल आने लग गयी . ये अफवाह भी आते जाते चली गयी .

फिर किसी ने बोल दिया मेगी में होता है शीशा , अब बेचलर के दिनों में बन्दा मेगी ना खाए तो क्या खाए ऊपर से हास्टल में जब जब अच्छा खाना बनता लोग तुरंत प्रेस में डेग रखकर सामूहिक मेगी भोज करवा लेते. हास्टल में प्रेस स्त्री करने से ज्यादा मेगी और चाय बनाने के काम आती थी . मगर इन अफवाह कर्मियों ने जैसे ही बताया कि मेगी में शीशा है हमारे हास्टल के जूनियर मेस का अच्छा  खाना खाने लग गए और प्रेस का प्रापर उपयोग चालू हो गया .

क्या बताऊं क्या क्या नी दुःख दिये जमाने ने, बचपन में चिंगम पसंद थी तो चर्बी की अफवाह उड़ा दी , फिर कोक पेप्सी पसंद आयी तो टायलेट क्लीनर बता दिया, बेचलर थे तो मेगी में शीशा बता डाला. कमबख्त अफवाह कर्मियों शादी करने जाऊं तो कोइ नयी अफवाह ना उड़ा डालना तुम्हरे कारण शादी रोक रखी है .

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