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जरूरत में ले जाओ ,नहीं तो दे जाओ – मानवता की दीवार

यशवीर विश्विधालय परिसर में अक्सर पाए जाते हैं, कभी पढ़ाते ,कभी पढ़ते ,कभी सिखाते कभी सीखते. यूनिवर्सिटी इतनी आसानी से थोड़ी छूटती है .

हो सकता है मेरी तरह आपके माता-पिता ने भी आपको कभी किसी सुविधा से महरूम न होने दिया हो। अपनी कटौती कर आपकी हर फरमाइश पूरी करी हो। हर बर्थडे और फेस्टिवल्स पर नए कपडे गिफ्ट किये हों, किसी जरुरी काम के लिए रखे पैसों से आपको स्कूल या कालेज टूर पर भेजा हो.लेकिन क्या हर इंसान को हमारे जैसे माँ बाप मिल पाते हैं??

नहीं न. हर रोज़ ही तो हम सड़क पर भीख मांगते बच्चों को देखते हैं. सर्दियों में खुली आसमान के नीचे सोते परिवारों को देखते हैं.कपड़ों की कमी से ठिठुरते लोगों को देखते हैं.क्लास में पैसों की वजह से जरूरी महंगी किताबें न खरीद पाने वाले क्लास मेट्स को देखते हैं।

ऐसे ही लोगों की हेल्प करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कुछ स्टूडेंट सामने आये हैं। स्टूडेंट फ़ॉर डेवलपमेंट (एस.एफ.डी) से जुड़े इन छात्रों ने मिलकर 20 जनवरी को नार्थ कैंपस डूसू ऑफिस के पास वॉल ऑफ़ ह्यूमैनिटी (मानवता की दिवार) की स्थापना की है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी में बनाई गयी ये वॉल ऑफ़ ह्यूमैनिटी बाकि अन्य दीवारों से थोड़ी अलग है। यहाँ दिवार की जगज दो रस्सियों ने ली हुई है। जहाँ कोई भी व्यक्ति अपनी फ़ालतू वस्तु आकार टांग सकता है। जिस किसी को यहाँ रखे सामान की जरुरत होगी वो यहाँ से ले सकता है या उपयोग के बाद वापस रख सकता है।

स्टूडेंट फ़ॉर डेवलपमेंट से जुड़े एलएलएम के स्टूडेंट आदित्य अपना अनुभव शेयर करते हुए बताते हैं कि पिछले कुछ समय से हम कुछ ऐसा शुरू करने के बारे में सोच रहे थे। अभी हम यहाँ बुक्स रखने के लिए बेहतर इंतजाम करेंगे। यहाँ हम न सिर्फ बेझिझक डोनेट कर सकते हैं. बल्कि बिना मांगे ले भी सकते हैं।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ने अपने एक्स्ट्रा आइटम्स के अलावा अपने दोस्तों की जरुरी चीजें भी डोनेट करना शुरू कर दिया है। अब आपकी बारी है.

तो आइए नार्थ कैंपस और डोनेट कर दीजिए अपना एक्स्ट्रा सामान… ताकि किसी जरुरतमंद का चेहरा खिल सके।

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