आने वाली 18 तारीख को उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव होने वाले हैं. कुछ दिन पहले पिथौरागढ़ नगरपालिका अध्यक्ष पद के सभी उम्मीदवारों को एक मंच पर बुलाया गया और पिथौरागढ़ की जनता ने उनसे कुछ सवाल किये. जिनके उत्तर भले ही वाहियात रहे हों लेकिन बड़ी शालीनता से दिये गये. इस पूरे कार्यक्रम का फेसबुक पर लाईव टेलीकास्ट तक किया गया. शायद अब तक उत्तराखण्ड में पहले ऐसा किसी भी जिले में हुआ हो. इस कार्यक्रम के आयोजक इसके लिये बधाई के पात्र भी हैं. पिथौरागढ़ से जुड़े किसी भी व्यक्ति के लिये यह सम्मान का क्षण था.
हर बार की तरह इस बार भी पिथौरागढ़ नगर पालिका चुनाव में तीन पके हुये उम्मीदवार हैं. कांग्रेस से जगत सिंह खाती भाजपा से राजू रावत और हमेशा की तरह निर्दलीय शमशेर सिंह महर. इसके अलावा चुनाव में एक दिलचस्प नाम चंद्रशेखर सामंत का है. वैसे चन्द्रशेखर सामंत अगर चंद्रशेखर सामंत से लड़ेगा तो शायद उसे चंद्रशेखर सामंत तक का वोट उसे ना मिले. दरअसल चंद्रशेखर सामंत और कोई नहीं चंदा है. चंदा जिसने पिथौरागढ़ के न जाने कितने लड़कों को गणित सिखाई है. देखना दिलचस्प होगा कि चंदा का जानते ही हो वाला अंदाज जिले के लोगों को कितना पसंद आता है.
निर्दलीय उम्मीदवार शमशेर महर व्यापार संघ के अध्यक्ष भी हैं. शमशेर महर का चुनाव में उतरना हमेशा राजनैतिक पार्टियों को असहज करता है. पूर्व सैनिक होने के कारण पिथौरागढ़ के सैनिकों के वोट अपनी ओर खीचने की पूरी क्षमता शमशेर महर में है. इसके अतिरिक्त कुछ अन्य सवच्छ छवि के निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं.
पिथौरागढ़ नगरपालिका चुनाव इस बार पिथौरागढ़ के लोगों की मति का परीक्षण है. हालांकि राजनीति में किसी का भरोसा नहीं किया जाना चाहिये बावजूद इसके हमेशा से विकल्पहीनता का रोना रोने वाली जनता के पास भाजपा और कांग्रेस के अतिरिक्त अच्छे विकल्प मौजूद हैं. इसके बावजूद भी हमेशा की तरह नगरपालिका में भूसे का पूतला धर दिया जाता है तो इसके लिये नगर की जनता स्वयं जिम्मेदार रहेगी.