योगी आदित्यनाथ ने अभी अभी मंच से काजमी के माईक से शपथ ली और रमीज राजा अंसारी ने बताये इस शपथ के मायने जिसमे माईक काजमी का है मुंह योगी का है और शपथ लोकतंत्र की है.
तमाम मंथनों के बाद आखिरकार यू पी के मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बन ही गयी। और इस मंथन से ऐसे अमृत निकला है जिसके मुंह से ‘अमृत वाणी’ ही निकलती है। और वो अमृत है- गेरुआ वस्त्र धारक, धर्मविरोधी विनाशक, पाकिस्तान ललकारक स्वनामधन्य श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज।
बीजेपी में अचानक से ऐसा कौन सा नेताओं का दयनीय अकाल पड़ गया कि बतौर मुख्यमंत्री योगी जी को चुना गया, ये अभी तक रामगोपाल वर्मा की फ़िल्मो की तरह समझ से बाहर है। वैसे अमृत वाणी के अलावा इनके पास और कौन सी क्वालिफिकेशन है इसके बारे में हमारे सूत्रों के पास कोई सूचना नहीं है। वैसे उनके क्वालिफिकेशन से हमें क्या लेना, हम कौन सा उन्हें अपनी कंपनी में नौकरी ऑफर किये हैं?
योगी जी ने शपथ भी नहीं लिया था और भक्त अभी से बौराय रहे थे। कुछ ने तो उनसे राम मंदिर निर्माण की मांग भी कर डाली। ऐसा लगता है अब शपथ के बाद मुख्यमंत्री ऑफिस जाने के बजाय योगी जी फावड़ा कुदाल समेत राम मंदिर का निर्माण करने पहुंच जायेंगे। अरे भैय्या तनिक सांस तो लेने दो। करने के लिये यू पी में बहुत कुछ है, यदि करना चाहें तो।
खैर यूपी तरक्की करे, शांति बनी रहे यही आशा करते हैं। क्योंकि फिलहाल और तो कुछ करने की स्थिति में हम लोग हैं नहीं.