हमारे आस पास अलग अलग लोग रहते हैं , नौकरी वाले , बिजनेस वाले , अफसर कर्मचारी , मने वैराईटी बहुत ज्यादा है . तो ये वैराईटी कैसे दिवाली पर सोचती समझती है इसे नोट किया है हरिद्वार के विनोद पन्त ने . पढ़िए भौत भौत मजा आएगा
1
दीपावली पर आज कलुवा खुश है . त्यौहार पर खूब
मेहनत मजदूरी के बाद आज सेठजी ने आधा किलो
मिठाई और दो सौ रुपये का इनाम दिया है . मिठाई
नकली मावे की आ रही है बल इसलिए सेठजी ने
कलुवा को पकड़ा दी . कोई गिला नहीं है कलुवा है .
मिठाई बच्चे खा लेंगे . गरीब के बच्चों को नकली
असली सब हजम हो जाती है . दो सौ रुपये से अपने
लिए कलवा एक देसी की बोतल बन्डल माचिस ले
आएगा . त्यौहार ठहरा . खुशी से मनाना हुवा . ठीक
ही ठहरा बल .
२-
सरकारी अधिकारी के घर गिफ्ट आयटम का ढेर लगा
है . हर गिफ्ट लाने वाले से कह रहे हैं इसकी क्या जरूरत
थी . पर मन ही मन कह रहे हैं साला क्या घटिया चीज
लाया है . अब कोई काम फंसने दे मेरे नीचे . इन सब के
बीच साहब का नौकर ललचाई आंखों से रंग बिरंगे
गिफ्ट पैकेट देख रहा है . किसी के लिए कूड़ा किसी
के लिए खट्टे अंगुर ठहरे . अब साहब अपने गिफ्ट को
नौकर को कैसे दे दें ? छोटे आदमी को ज्यादा मुह
लगाना भी ठीक नहीं ठैरा .
3-
लाला अनोखेलाल की दुकानदारी अच्छी हो गई .
बीबी के लिए हार खरीदकर लाऐंगे . लाँजिक ये है
कि हार देकर बीबी को खुश करेंगे . बाकी नोट सोने
की शक्ल में तिजोरी में ही रहे . माल अन्दर चल
जलन्धर .
4-
शर्मा जी को दीवाली का बोनस मिला है . रास्ते
भर दीपावली की शाँपिग की लिस्ट बनाते रहे .
चौराहे पर चार यार मिल गये . आधे घन्टे शकुनीलीला
में बोनस दोस्तों की जेब में चला गया . शर्मा जी
फकत . तनख्वाह से छेड़ाखानी सम्भव नहीं . वो तो
आटे दाल को भी पूरी नहीं . समस्या ये है घर जाकर
बच्चों से क्या कहेंगे . बीबी तो चार गालियों में सब
समझ जाएगी . चलों झेल लेंगे . ठीक ठैरा सब .
5-
बाप रे पूरे पचास साठ हजार के पटाखे लाया है सोनू
.. पता नहीं कौन सा खजाना हाथ लगा है . सोनू
का बाप ताजा – ताजा रईस बना है . तो मोहल्ले
वालों को दिखाना पड़ेगा ना कि हम भी जिगर
रखते हैं . रात भर ना सोएगा ना सोने देगा . पूरी
रात गली में परमाणु युद्ध होता रहा . दीवाली ठैरी .
6-
दो छोटे बच्चे बारह से पन्द्रह साल के बमों के शोरगुल
और रोशनी की चमचमाहट के बीच बड़ा सा बोरा
लेकर बाजारों गलियों की खाक छान रहे हैं . आज
बाजारों में खरीददारी जम कर हुई बल . सो
प्लास्टिक की पन्नियां और गत्ते के डिब्बे खूब मिलेंगे
. हजार रुपये का कबाड़ तो हो ही जाऐगा . हैप्पी
दिवाली तो आज ही होगी .
7-
स्लम एरिया . नत्थू अपनी झोपड़ी में परिवार के साथ
सोने की तैयारी कर रहा है . कभी भी दीवाली पर
कुछ खास नही होता यहां . पर आज कुछ खास हो
गया . कहीं से उड़ता हुआ राकेट आया और नत्थू के
साथ साथ पड़ोस की झोपड़िया भी स्वाहा कर
गया . चलो ठीक ही ठैरा . नत्थू को मुवाबजा
दिलाने के लिए कल एक मीटिंग करेंगे . पर नत्थू तो
अवैध कब्जाधारी हुवा .
8-
ये घर कुछ खास लग रहा है . पारम्परिक तरीके से
दिवाली मनाई जा रही है . परात में चावल भरे हैं .
खील बतासे और खांड के खिलौने . मिट्टी के दीपक
जले हैं . पूरे बिधिबिधान ने महालक्ष्मी की पूजा हो
रही है . अपने हाथों से रंगोली बनी है . पर इतने
सालों से देख रहा हूं कि इस घर में लक्ष्मी जी पहुंचती
ही नहीं . हां लक्ष्मी जी की बहन जी सरस्वती जी
से ही खुश हैं ये लोग . जय लक्ष्मी माता .. मैय्या जय
लक्ष्मी माता .. जो नर तुमको ध्याता ,… बाकी
भाग्य पर डिपेन्ड ठैरा . ऐसी मान्यता है बल .
9-
कहीं दूर पहाड़ का गाँव . यहां रामायण की उर्मिला
रहती है . जी हां सही पढ रहे हैं आप . रामायण की
उर्मिला . दीपावली का प्रधान दीपक जलाकर पल्लू
से उसकी रक्षा कर रही है . याद है न आपको . जब
लक्ष्मण जी वन गये थे तो उर्मिला उनकी याद में
दीपक जलाया करती थी . यहां भी दीवान सिंह
फौज में हैं आजकल सरहद पर तैनात हैं . उनकी पत्नी
सरुली देवी का मन भी सरहद पर ही लगा है . यहां
पूजा तो सरुली लक्ष्मी जी की कर रही है पर बोल
रही है – हे गोल्ज्यू मेरे पति की रक्षा करना .