चंकी महाराज का काम है दिल्ली में घूमना और जगह जगह से अलग अलग चीजें इकट्ठी करना, फिलहाल वह orop वालों के कुछ अनजाने अनसुने किस्से लाये हैं. सुन लो नी तो नाराज हो जाते हैं बाबा.
ये वन रैंक वन पेंशन वाले जब शुरू में बैठे थे तो ये बड़ा वाला जनरेटर आता था इनके लिए, पूरे टेंट में जगह जगह पंखे लगे थे , वह फर्राटा वाला फेन . जो वो जनरेटर था ना उसका किराया जो है हजारों में था . और तेल का खर्चा अलग से . फिर गर्मियां थी तो पानी भी आता था. बिसलरी वाला ठंडा ठंडा . मने रोज का इनका खर्चा जो है 20 से 30 हजार रूपया कम से कम होता ही था . फिर वो टेंट का खर्चा कुर्सियों का खर्चा . ये समझ लो कि यहाँ बैठे लोग मिलजुलकर रोज के रोज 50 से 60 हजार फूंक ही डालते होंगे.
ये सब खर्चा बताने का कारण ये है कि सुनने में आ रहा है कि वो पूर्व फ़ौजी रामकिशन ने सिर्फ पांच हजार पेंशन कम आने पर जहर खा लिया. और सुनाने वाले हैं ये मुए सोशल मीडीया के धुरंधर , जिन्हें लगता है घर बैठे कुछ भी एफबी पर डाल दो पब्लिक यकीन मान जायेगी .
या तो सरकार हमें बिना दिमाग का मानती है या उसे लगता है जो वो कहेगी हम हाँ में हाँ मिला लेंगे. आप ही बताओ भय्या ये ओआरोपी का आन्दोलन खुद मिलजुलकर फंड करने वाले ये फ़ौजी अपने एक साथी को क्या पांच हजार नी दे देते जो उसे जहर खाना पड़ा.
भाईसाहब बात ये नहीं है कि उसने जहर क्यों खाया ? बात ये है कि आपने जबरन उसका एक किस्सा अपने मन से बना दिया और हल्ला करवा रहे हो कि फ़ौजी ने पांच हजार के लिए जहर खा लिया.
अब सुनो दूसरा किस्सा , जब ये फ़ौजी लोग हडताल में बैठे थे ना तब बहुत से बुड्ढे बुड्ढे फ़ौजी भी आये थे , अस्सी अस्सी साल के फ़ौजी . उस उम्र में भी जबर्दस्त तनकर चलने वाले. वो कहते थे कि ‘पैसों के लालच में आन्दोलन नहीं कर रहे बस अपने भाईयों के हक़ की खातिर आन्दोलन कर रहे हैं.वरना इस उम्र में हम इसकी आधी से आधी पेंशन में भी काम चला लेंगे ‘ .
उनका फंडा साफ़ था जिस तरह बाहर दुश्मन से लड़कर अपना हक़ लेते हैं वैसे ही अंदर भी अब लड़कर अपना हक़ लेंगे. आपको याद ना हो तो बता दूं इन्ही फौजियों ने 26 जनवरी को होने वाली जन्तर मंतर पर सर्जिकल स्ट्राईक का जमकर विरोध किया था. लाठी खाई डंडे खाए लेकिन पुलिस को अपना धरना जबरन उखाड़ने नहीं दिया.
इतने जबर्दस्त फाईटर लोगों में एक ने सिर्फ पांच हजार के लिए जहर खाया अगर कोइ एसा कहे तो उससे बस इतना कहना . जा भाई तुझसे ना हो पायेगा . जाकर पोगो चैनल देख या छोटा भीम देख .
Bahur sunder aur sahi. I am ashamed of my Govt. who neglect both army and farmers and do not pay enough to them. They are the most important people for the country.