सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से देशभर में देशभक्त पत्रकारों की बाढ़ सी आ गई है। बहुत सारे थुलथुले पत्रकार चोचली पत्रकारिता करके अपने आपको सबसे बड़ा देशभक्त साबित करने पर तुले हैं। ऐसे ही कुछ पत्रकारों को फिरोज़बादी भाषा में परिभाषित किया है जैकी मिश्रा ने-
अगर हमेशा कन्यूजयाये रहन लागे हो कि कौन सो न्यूज़ चैनल लगायो जावे, या कौन पत्रकार को सुनों जावे, या कौन सौ पत्रकार देशभक्त है या नही, तौ भैय्या, हम तोका बताते हैं कि पत्रकार बिरादरी अब दो भागन में बंट गयी है। देशभक्त और देशद्रोही (जिसे आजकल सोशल मीडिया पे जयचंद भी कहो जा रहो है)। इसलिए बाही चैनल का कान उमेठीये, जिसपे देशभकत पत्रकार आत हैं। वैसै देशभक्त पत्रकारन के नाम तो आपको पता ही होंगे, फिर भी उनके गुण बताई देतहूँ:
हमाए कछु पत्रकार ब्रॉदर जो सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सै अब तक जाणे कितइ बार पाकिस्तान को मजा चखा चुके हैं, जितई बार तो खुद सेना ने भी न चखायो होगो। और तौ और जिनै सेना के पास कौन-कौन से हथियार हैं, और वो पाकिस्तान में कितनी दूरी तक मार सकत हैं, वो खुद सेना से भी ज्यादा डिटेल में पतो है।
जो अरविन्द केजरीवाल और राहुल गाँधी अगर पाद भी दें, या उनकी उनकी पौटी मै सै बदबू आ जावे तौ वायु प्रदूषण करन की एक ब्रेकिंग न्यूज़ चला सकत हैं। और अगर महामहिम नरेंद्र मोदी जी सांस में कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़े, तो उसे देश हित में बता सकत हैं।
जो जनता से अपील करत घुमात हैं कि भैया अगर देशभकत हौ तौ चीनी सामान न खरीदियो, पर सरकार सै बाके साथ व्यापार सम्बन्ध ख़त्म करने कूँ न कहते। ऊ छुटकू चीन नै ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोक दियो लेकिन काऊ की हिम्मत न हुई के सरकार से सवाल जबाब भी कर सकें।
अब भाई शराब को कौन भूल सके, बाउ पे बात कर लें। तौ बात जे है कि उन देशभकत पत्रकारन के लें गुजरात की शराबबंदी तौ गंगा मैया सै भी पवित्र है, और बिहार की शराबबंदी जनता के मौलिक अधिकारन का हनन बता देत हैं।
और एक सबसै बड़ी बात! सबसै बड़े देशभकत पत्रकार तो वे हैं जो हिंदुस्तान जिंदाबाद सै ज्यादा आजकल पाकिस्तान कूँ मुर्दाबाद बोल रहे हैं।
अब रे बंगडुयो मोहे उम्मीद तो जे है कि आप समझ गए हुंगे कि देशभकत पत्रकार होना कोई आसान बात है का!
भाषा फिरोजाबाद कम इटावा की ज्यादा लग रही है।