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  • आनलाईन ठगी की सच्ची कहानी, किरदार झूठे हैं

    घनघोर निराशा का दौर था जब महाविद्वान जतिंद्र जी मेहनती मनिंद्र को मिले। अद्भुत संजोग था कि यह दो महानिठल्ले पुरुष एक साथ विश्व प्रसिद्ध चाय की टपरी पर...
    अगस्त 8, 2022 कमल पंत
  • मार्डन बनना है मेको

    हिम शिखरों की रहने वाली, मंडी के गोभी के फूल के रंग की दीदी जब तीसरे दर्जे में पहुंची तो उसे हिमशिखरपाद पर बसे हल्द्वानी आना पड़ा. पनीर कहकर गला हुआ आल...
    फरवरी 11, 2020 ओये बांगड़ू
  • बू – सआदत हसन मंटो

    शोहरत की तरह ही बदनामी कमाने वाले सआदत  हसन मंटों ने भले ही ताउम्र अपने लिखने के लिए कोर्ट के चक्कर और समाज में बुराई हासिल  की  हो लेकिन आज इतने सालो...
    जुलाई 9, 2018 ओये बांगड़ू
  • वो निश्छल हंसी

    सर्दियों की बारिश थी वो,जब ठंड में सिकुड़ते हुए उसे करोल बाग़ के मेट्रो पीलर के नीचे खड़े देखा था,स्वेटर भीग चुकी थी,और होंठ एक दुसरे से मिलते बिछुड़ते रह...
    अप्रैल 8, 2018 कमल पंत
  • झन्न गुरु के कारनामे -3

    झन्न गुरु अपने झन्नाटेदार थप्पड़ों के लिए तो प्रसिद्ध थे ही साथ ही अपने उग्र क्रांतीकारी विचारों के लिए भी वह खूब जाने जाते थे.मोहल्ले के मोहल्ले (अपने...
    फरवरी 23, 2018 कमल पंत
  • उर्स ए पिथौरागढ़ भाग 3

    सिन्ना और सिंगाण इससे पहले की प्रदीप कुछ समझ पाता. उसने खुद को महर्षि विद्या मंदिर के पिछले हिस्से में गिरा पाया और एक सच्चे पहाडी की तरह उसके मुह से ...
    जनवरी 21, 2018 Girish Lohni
  • उर्स-ए-पिथौरागढ़ भाग 2

    मुलाकात का पंच  वाकिया कुमौड़ से आरा मशीन को जाने वाले पतले पगडंडी वाले रास्ते का हैं. इस पूरे रास्ते में तब आज की तरह मकानों की कतार के बजाय कुल मिलाक...
    जनवरी 6, 2018 Girish Lohni
  • हल्द्वानी के किस्से (परमौत की प्रेम कथा)-4

    अशोक पांडे द्वारा रचित परमौत की प्रेम कथा एक शहर विशेष में घटित हो रहे प्रेम का संग्रह है.लड़कों के किशोरावस्था से युवा वस्था में आने तक की सम्पूर्ण दा...
    अगस्त 3, 2017 ओये बांगड़ू
  • मैं कहानीकार नहीं, जेबकतरा हूँ – सआदत हसन मंटो

    मेरी जिंदगी में तीन बड़ी घटनाएँ घटी हैं। पहली मेरे जन्म की। दूसरी मेरी शादी की और तीसरी मेरे कहानीकार बन जाने की। लेखक के तौर पर राजनीति में मेरी कोई द...
    अप्रैल 30, 2017 ओये बांगड़ू
  • गण

    इस कहानी में बेटों की चाह रखने वालों के अंत का मार्मिक वर्णन किया डॉक्टर कुसुम जोशी ने दीवान कका आज फिर दुकान के बाहर कुर्सी में दोनों हाथों से सर पक...
    अप्रैल 23, 2017 ओये बांगड़ू
  • वाह री…इन्सानियत

    सुरेखा शर्मा हिन्दी और संस्कृत गुरु रही हैं और स्वतंत्र लेखिका व समीक्षक है. गुरुग्राम में रहने वाली सुरेख शर्मा की कहानियां ज़िन्दगी में रोज़मर्रा के ...
    अप्रैल 11, 2017 ओये बांगड़ू
  • क़ातिल -मुंशी प्रेमचंद

    आधी रात थी। नदी का किनारा था। आकाश के तारे स्थिर थे और नदी में उनका प्रतिबिम्ब लहरों के साथ चंचल। एक स्वर्गीय संगीत की मनोहर और जीवनदायिनी, प्राण-पोषि...
    अप्रैल 9, 2017 ओये बांगड़ू
  • कन्या पूजन

    पिथौरागढ़ की खुबसूरत वादियों की रहने वाली ममता रैना को पढ़ने,लिखने और अपनी फैमिली के साथ घूमना बेहद पसंद हैं. फिलहाल ममता गाज़ियाबाद में रह रही हैं और अ...
    फरवरी 20, 2017 ओये बांगड़ू
  • आख़िरी मंज़िल- मुंशी प्रेमचंद

    आह ? आज तीन साल गुजर गए, यही मकान है, यही बाग है, यही गंगा का किनारा, यही संगमरमर का हौज। यही मैं हूँ और यही दरोदीवार। मगर इन चीजों से दिल पर कोई असर ...
    फरवरी 17, 2017 ओये बांगड़ू
  • ऐसा भी होता है

    जिला गाजियाबाद में रहने वाली डा.कुसुम जोशी का जन्म पिथौरागढ़ में हुआ जो जहाँ की खूबसूरती और सुनहरी यादें आज भी उनकी लेखनी में साफ़ नज़र आता है . आज उन्हो...
    जनवरी 4, 2017 ओये बांगड़ू
  • मुखौटा

    साहित्यिक शहर इलाहाबाद की रहने वाली संयोगिता शर्मा  इन दिनों सेंट लुइस (USA) में रह रही हैं. संयोगिता को गाने सुनना और साहित्यिक कथाएं पढ़ना पसंद हैं. ...
    दिसंबर 12, 2016 ओये बांगड़ू
  • चुटकी भर सेनुर…

    माइ के मुह से यह गाना, ‘चुटकी भर सेनुरा जानी कबले भेटइहें…लागता की बबुनी कुँवार रही जइहे…’ सुनते ही शगुनी उदास...
    दिसंबर 5, 2016 ओये बांगड़ू
  • यही है जिदंगी

    (लेखिका-संयोगिता)   साहित्यिक शहर इलाहाबाद की रहने वाली संयोगिता शर्मा इन दिनों सेंट लुइस (USA) में रह रही हैं. संयोगिता को गाने सुनना और सा...
    नवंबर 29, 2016 ओये बांगड़ू
  • देवी

    प्रेमचंद ने अपनी कलम से दुनिया को एक अलग ही नजरिये से परिभाषित किया. एक ऐसा नज़रिया जिसने समाज को सच का आईना दिखाया. आप भी पढ़िए प्रेमचंद की नज़रों से कौ...
    नवंबर 24, 2016 ओये बांगड़ू
  • ‘ढोला मारू’ राजस्थानी प्रेम कहानी

    राजस्थान  की रेत में कई प्यार के फूल खिले और हमेशा के लिए राजस्थान को अपने प्यार की खुश्बो से महका गये. यही वजह है कि राजस्थान की लोक कथाओंं  में बहुत...
    नवंबर 10, 2016 ओये बांगड़ू
  • बुद्धू का एक अंश

    रोशन प्रेमयोगी की यह कहानी भले ही जंगल के राजा और उसके न्याय की है. लेकिन कहानी का यह अंश  इंसान की दुनिया के जंगलराज को भी बखूबी बयां करती है . एक जं...
    अक्टूबर 22, 2016 ओये बांगड़ू
  • इस्मत का अनोखा प्यार – लिहाफ

    महिलाओं पर बोल्ड अंदाज़ में लिखने वालो में  लेखिका इस्मत चुगताई का नाम हमेशा से ख़ास रहा है. इस्मत चुगताई ने कई चर्चित कहानियां लिखी और उन्ही में से एक ...
    अक्टूबर 10, 2016 ओये बांगड़ू
  • खोल दो

    अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी मारे गए। अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए। सुबह दस ...
    अक्टूबर 6, 2016 ओये बांगड़ू
  • चूहे की दिल्ली यात्रा

    OyeBangdu तूने किस्से तो बहुत पढ़े होंगे आज एक चूहे का कहानी पढ़ जिसकी दिल्ली दूर ही रह गयी चूहे की दिल्ली-यात्रा चूहे ने यह कहा कि चूहिया! छाता और घड़ी...
    अक्टूबर 2, 2016 सुचित्रा दलाल