शहर

 
  • शहर-अमृता प्रीतम

    इंसान जिस शहर में रहने लगता है वहां की सड़के वहां की गलियां भी उस बतियाने लगती है. कुछ कही अनकही सी बातें होने लगती है. अमृता प्रीतम की कविता ‘शहर’ में...
    दिसंबर 30, 2016 ओये बांगड़ू
  • क्या हाल हैं रे बाकी शहरों के

    देश की राजधानी दिल्ली के अंदर करीब दो हजार एटीएम हैं. करीब 20 लाख की आबादी या यूं कहें लगभग 4 लाख परिवारों पर ये दो हजार एटीएम काम करते हैं. 24 घंटे क...
    नवंबर 13, 2016 कमल पंत