‘हु हा हा हा.. हा ‘ सुनते ही रावण जी की याद खुद ब खुद आ जाती है. दस सर वाले विशाल काय रावण. लेकिन बढ़ती आबादी और घटती जगह का असर अब रावण जी पर भी पड़ गया है . पहले बेचारे ने अपने दस सर छुपाना शुरू किया था थे अब खुद ही छोटू से बन के छुपने लगे है .आजकल के लोगो के बीच एडजस्ट करने के लिए बेचारे रावण जी को भी अपना साइज़ छोटा करना पड गया है . वैसे हम आपको यह सब बाते असली रावण की नही बल्कि दशहरे से पहले सजने संवरने में लगे पुतला रावण की बता रहे है . आजकल ‘ रावण मण्डी ‘ मे छोटे आकार के रावण अधिक बन रहे है. अगर दशहरे से पहले कभी दिल्ली के टैगोर गार्डन जाना हुए तो ध्यान से देखिएगा जरुर हर तरफ आपको रावण ही रावण नजर आयेंगे .