बांगड़ूनामा

“रावण दहन”

अक्टूबर 12, 2016 ओये बांगड़ू

साउथ अफ़्रीका से हिंदी की अलख जलाये हुए विनय कुमार कहानी लिखने और पढ़ने के बहुत शौक़ीन हैं। सोशल मीडिया में नए कहानीकारों को लेकर हर हफ्ते एक प्रतियोगिता चलाते हैं। उसी प्रतियोगिता में से एक कहानी है ” रावण दहन “

पूरे इलाके में हंगामा मचा हुआ था, अब तो पुलिस की गाड़ियां भी आ गयी थी कि किसी अनहोनी को टाला जा सके. खैर, हुई तो बहुत अनहोनी बात थी इस दशहरा पर जिसे हजम कर पाना किसी के लिए सहज नहीं था.

हर साल की तरह इस बार भी रज्जन और उसका परिवार दशहरा के काफी दिन पहले से ही रावण का पुतला बनाने में जुट गया था, आखिर ये न सिर्फ उसका बल्कि उसके पुरखों का भी काम था. लेकिन इस बार वो हवा का रुख नहीं भांप पाया जो बदली हुई थी  और इसी वजह से उसने रामलीला समिति या गांव के सरपंच से पूछा भी नहीं. इधर गांव से बाहर उसके दरवाजे पर उसका काम चलता रहा और उधर गांव में कुछ चेहरे लगातार कुछ अलग सोच पाले अपनी तैयारी करते रहे.

दशहरा के एक दिन पहले ही उसका पुतला तैयार हो चुका था, एकदम सजीव और विशाल.इसबार उसने कुछ ज्यादा ही मेहनत की थी और अब तक का सर्वश्रेष्ठ बनाने में सफल हो गया था. जैसे ही पुतला तैयार हुआ, उसने साइकिल उठाया और सरपंच के घर की ओर चल पड़ा.उसे प्यास बहुत तेज लगी हुई थी लेकिन अपनी उत्तेजना में उसे पानी पीने का भी होश नहीं था, जल्दी जल्दी पैडल मारता वो सरपंच के दरवाजे पहुंच और दूर ही साइकिल से उतर गया.

“आओ रज्जन, कुछ काम था क्या ?, सरपंच के ठन्डे स्वर ने उसे चकित कर दिया.

उसे तो लगा था कि सरपंच उससे देखते ही पूछेंगे कि पुतला बन गया कि नहीं. लेकिन फिर भी उसने बेहद प्रसन्नता से कहा “इस बार का पुतला देखेंगे सरकार तो देखते ही रह जायेंगे, जान लगा दी हैं मैंने”

” लेकिन रज्जन, तुमने तो बताया नहीं कि पुतला इस बार भी तुम ही बना रहे हो. गांव वालों ने तो इस बार पुतला शहर से मंगवा लिया है”, सरपंच ने कुटिलता से मुस्कुराते हुए कहा.

रज्जन तो जैसे गश खा गया, कितनी मेहनत और लगन से बनाया था उसने पुतला और अपनी सारी जमा पूंजी खर्च कर दी थी उसमें. कब वो पलटा और कैसे वो घर आया, उसे खुद होश नहीं रहा.

दशहरे पर जब गांव में रावण का पुतला जला तो रज्जन ने भी अपनी जेब से माचिस निकाली और अपने बनाये पुतले में आग लगा दी. इधर उसका बनाया पुतला धू धू कर जल रहा था, उधर किसी ने ये देख लिया और पूरे इलाके में खबर फ़ैल गयी “एक विधर्मी ने इस बार रावण का पुतला जला दिया.”

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *