सूना है एक कबूतर आया है पकिस्तान से , पीएम साहब के नाम कोइ सन्देश लेकर , और उसे पकड भी लिया है. पकिस्तान ने कबूतर भेजने से पहले गाया होगा “कबूतर जा जा जा कबूतर जा जा जा पहले प्यार सौरी पुरानी दुश्मनी की पहली चिट्ठी भारत को दे आ.” सुना है उस कबूतर को गिरफ्तार भी कर लिया है. अब सिर्फ सुना है देखने तो हम गए नहीं .
वो एसा हुआ कि सुबह सुबह बिल्डिंग के कबूतर ने नींद से जगाकर कहा कि , “पाकिस्तानी कुत्तों ने बिरादर को इधर भेजा है भाईजान, बताओ क्या हश्र करें उसका ” मैंने कहा मियां काहे इतना सेंटी हो रहे हो. कबूतर आया है तो क्या हुआ . वापस भेज दो. कबूतर बोला देखो मियां देशभक्ती अपनी जगह और बिरादरी अपनी जगह . अपनी नस्ल का है तो क्या हुआ है तो पाकिस्तानी . मैंने कहा तो इरादा क्या है. बोला उसके पांव में बंधी चिट्ठी का मेसेज तो आर्मी वालों ने पढ़ लिया अब कबूतर को मार मार कर अंदर की बातें हम उगलवाएँगे. तुम बस अपनी पत्रकारिता वाला जुगाड़ लगाओ और हमें आर्मी कैम्प भेजने की व्यवस्था करो. मैंने कहा क्यों युद्ध के दौर में अपने को मरवाना चाहता है. वह गुस्से में उबलता बोला “कायर , कमजोर डरपोक देशद्रोही, देश के लिए जान गंवाने से कौन डरता है. वहां का कबूतर भी जब शांती छोड़कर युद्ध करना चाह रहा हो तो हम क्यों पीछे रहे .”
इतने में चूहा बोला फ्रिज के नीचे से , कबूतर बहन मै भी तुम्हारे साथ हूँ, इस डरपोक को लिखने दो , हम जायेंगे लड़ने . वैसे मेरे पास एक आईडिया है. क्यों ना उस कबूतर के पैर में अपना सन्देश चिपका कर उसे वापस भेज दें, उसके अंदर एक ट्रांसमीटर फिट कर देंगे और गले में कैमरा लगा देंगे.
फिलहाल मैंने कबूतर की व्यवस्था कर दी है वह जल्द ही उस पकिस्तान से आये कबूतर से सब कुछ उगलवा लेगा.चूहा भी बस निकलने वाला है बाईरोड , उसने घर को कुतरने का काम पूरा कर लिया है. बाकी उस तरफ से जो गुब्बारे वगेरह आ रहे हैं उसमे भरी हवा की भी जांच चल रही है कि पाकिस्तानी है या हिन्दुस्तानी .
देशभक्ती की हवा में सब बहेंगे. किसी को नहीं छोड़ा जाएगा .