अब थोड़ा ज्ञान की बात कर लें। तो एक नवयुवक हैं अजय सिंह। छत्तीसगढ़ के उन इलाकों में भरमन करते हैं जिधर बहूत मुश्किल से आना जाना हो पाता है। अब तक 200 औरतों को हॉस्पिटल पहुंचा चुके हैं अपनी मोबाइल मोबाईक एम्बुलेंस में। बढ़िया से मोटरसाइकिल के साथ शोले फ़िल्म वाली साइड गाड़ी लगा रखी है और उस पर डाल दी है तिरपाल।किसी ने सच कहा है जज्बा होना चाहिए काम अपनेआप हो जाता है। तो अजय सिंह के जज्बे ने एक दुर्गम इलाके में एम्बुलेंस पहुंचा दी। जहाँ पहले हाथ गाड़ी या साइकिल से हॉस्पिटल पहुंचाया जाता था वहां अब एक दोपहिया ही सही मगर एम्बुलेंस तो है। एक आदमी के जज्बे ने जब दोपहिया एम्बुलेंस का इंतजाम कर दिया तो एक सरकार का जज्बा चारपहिया एम्बुलेंस का इंतजाम भी करवा सकता है।