भगोड़ा का कर्ज माफ़ हो गया कहते हुए कितने ही चैनलन ने आम आदमी को दुखी आदमी बना दियो. बस एक ही आदमी था जो उड़ती हुई खबर सुनकर ‘ ऊह ला ला ले ले ओ’ गाते हुए नाच रिहा था.पर अब उसे भी पता चली गयो कि कोन्हों कर्जा माफ़ नहीं हुआ है, ईह तो राईट ऑफ हुआ है.
भगौड़ा विजय माल्या करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर विदेश जा चूको है. साथ ही उसी जैसे कई और उसके भाई बंध इहा भारत में भी बैंकन का पैसा बिना डकार लिए खा के बैठे है. जिनका न तो बैंकों को कोन्हों ब्याज़ मिल रहा है ना हाल फिलहाल में मिलने की उम्मीद लग रही है. सो लोन को उठाई के राईट ऑफ कर दियो गयो है जिसको मतबल बैंक ने अकाउंटिंग बुक में लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स यानी एनपीए मान लियो है.
वैसे अबकी जो देश में पैसा-पैसा हो रियो है तो पैसा और उसके संग इस्तेमाल होने वाली शब्दों की तनिक जानकारी बढ़ाए लेनी तो बनत है . तो तनिक ध्यान से पढ़ो की भई राईट ऑफ तब होत है जब बैंक मान ले की अब ना मिलने वालो कोन्हों इंटरेस्ट. हाँ बाकी पैसे वसुलन की जुगत चलती रहती है. लेकिन जब अगली बार ‘लोन वेविंग’ शब्द सुनो तब समझ जइयो की हो गयो लोन माफ़ क्योंकि ‘लोन वेविंग’ का मतलब है कर्ज माफी.