जौनपुर में रहने वाले विक्रम सिंह 500 और 1000 के नोट बंद होने से परेशान नही है. वो तो बस किसी और ही काम से बैंक में जा धमके और हालत देख उन्हें लगा सब कबीर के दोहे के पीछे पड़ गये है तो वो भी कबीर का दोहा याद करते हुए वापिस भाग आये .
आज बैंक गये रहे, हालत और समाचार देख के कबीर के दोहा याद आ गईल। अरे उहे वाला,
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब,
पल में परलय होएगी, बहुरि करोगे कब।
अरे भाई हम नोट बदलने नही गये रहे, हम तो अपना एटीएम कार्ड के चक्कर में गए, अब गए तो पता चला की 3 दिन तक नोट बदले के अलावा, कौनो दूसर काम न होई।
उ का है कि, हमारे कार्ड की वैलिडिटी हो गयी है खतम और नया कार्ड आईल ना। तो गये रहे पहिले भी तो बैंक वाले कहे की चिरौरी वाला फॉर्म भरे के होई, फिर 10 दिन में कार्ड आ जाई। आज 15 दिन हो गइल, न आईल यही खातिर गये रहे। परसों छुट्टी रहेल ऑफिस के चल ग होइत त मालूम हो जात की का बात बा ।और संझा के पीएम साहेब कमाल के परलय लिया दिहेन। यही से दोहवा याद आ गईल।