दिवाली पर हमेशा कुछ से कुछ ज्यादा खा लेने वाली रापचिक रिंकी जब इस दिवाली शोपिंग करने निकली तो उसे दुकानों पर जाकर कुछ डिफरेंट ही मिला. जिसने दिवाली को हैप्पी वाली दिवाली मना दिया
अनारकली, राखी,सूरजमुखी, पिस्ता दिल, काजू दिल, काजू कटोरी, गुलाब कटोरी, मैंगो कटोरी, चॉकलेट कटोरी, बस नाम पढ़ते-पढ़ते पहले लगा हिरोइनों से जुड़ा कुछ होगा फिर नामों की लिस्ट में दिल ही दिल आ गये लेकिन यहाँ ना इश्क शुरू हुआ ना कोई फिल्म बस शुरू हो गया यह अनोखे नाम पढ़ते हुए मिठाईयां खरीदने का सिलसिला.
जिन-जिन के नाम पसंद आये वो मिठाईयां खरीद ली गयी. बस फर्क सिर्फ इतना था कि इस दिवाली यह खरीददारी उन लोगो के लिए हुई जिनके घर कोई मिठाइयां ले कर नही आता क्यूंकि उनके घर ही नही होते. दुकान के बाहर उम्मीद भरी नजरों से खड़े बच्चों के साथ दिवाली सेलिब्रेशन ने इस दिवाली को सही मायनो में हैप्पी वाली दिवाली बना दिया. इस दिवाली की शाम अनजान चेहरों पर हंसी की फूलझड़ी लाने के लिए उनके साथ सेलिब्रेशन करना तो बनता है. कुछ डिफरेंट करना तो बनता है .