लिखने वाला अपना नाम बताने के मूड में नहीं है कहता है नया नया हूँ ,अभी से नाम क्या बताऊँ
अरे आप लोगों को वो याद है टोपी वाला बाबा अरे पेंट कमीज में आता है जाकिर नाईक . कमाल का बन्दा है गीता कुरान बाईबिल से ज्ञान उधार ले लेकर जनता में बांटता है. हां तो वो बाबा का एक एनजीओ है एक संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन उस पर सरकार ने पांच साल की पाबंदी लगा दी है.
वैसे मुस्लिम धर्म प्रचार के नाम पर उल जलूल बोलने वाले इस दाढी वाले मुस्लिम बाबा की कुछ कहानियां जबर्दस्त हैं. जैसे इनके हर शो में एक न एक दुसरे धर्म वाला जरूर जाता है जिसे अपने धर्म से प्रोब्लम हो फिर वो इनसे प्रभावित होकर इस्लाम स्वीकार कर लेता है.
बाईबिल गीता से श्लोक आयतें बांच बांच कर ये उसकी तुलना सीधे कुरआन से कर डालते हैं और फायनल कन्क्लूजन ये निकलता है कि आपको इस्लाम स्वीकार कर लेना चाहिए.
खैर इनकी संस्था बैन होने की वजह ज़रा दूसरी है गृह मंत्रालय ने अपनी जांच में पाया था कि ये एनजीओ अंतरराष्ट्रीय इस्लामी चैनल पीस टीवी से कथित तौर पर संदिग्ध रिश्ते रखता है. पीस टीवी पर भी कई आरोप लगते रहे हैं.
मंत्रालय के मुताबिक नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काऊ भाषण दिए हैं. महाराष्ट्र पुलिस ने भी नाइक के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया था.