रास्ता हो सकता है लंबा
रास्ता हो सकता है कठिन
मगर चलने के लिए
यह ढारस क्या कम है
कि चलने के लिए है कोई रास्ता
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सीमीं अख़्तर नक़वी रीसर्च के साथ समसामयिक चीजों पर भी बराबर वख्त देती हैं
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